मंत्र –
प्रातः स्मरामि गन्नाथमनाथबंधुम सिन्दूरपुरपरिशोभितगंदयुगम्म| उदंडबिधनपरिखनचंदण्ड- मखण्डलदीसुरनायकवृन्दवंधम्म|
विधि –
कब और कैसे पढ़े इस मंत्र को
इस मंत्र के उच्चारण से मनुष्य के जीवन मे बहुत कल्याण होता है (1)- दिन अच्छा बीतता है (2) - दुःस्वप्न ,क्लीदोष, शत्रु, पाप और भव के भय का नाश होता है (3)- धर्म की व्रद्धि होती है ,,रोग नही होता,,, विजय की प्राप्ति होती है ,,,,,,निर्धन धनी हो जाता है ,,,,और आये हुवे सभी बाधाओं से छुटकारा मिलता है,,,,,ॐजय श्री गणेशाय नमः अनाथों के बन्धु, सिंदूर से शोभायमान दोनो गंडस्थलवाले , प्रबल विध्न का नाश करने में समर्थ एवं इन्द्रादि नमस्कृत श्री गणेश का ....मैं प्रातः काल स्मरण करता हूँ|
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