श्री विष्णु भगवान जी का मंत्र
प्रातः स्मरामि भवभीतिमहार्त्तिनाशम नारायणम गरुड़वाहनमबजनाभम| ग्राहाभिभूतवरवारणमुक्तिहेतुम चक्रायुधम तरुणवारिजपत्रनेत्रम||
इस मंत्र के पढ़ने से क्या क्या लाभ है जो आज आप सबो के सामने प्रस्तुत °°
मंत्र का अर्थ – संसार के भय रूपी महान दुःखो को नष्ट करनेवाले , ग्राह से गजराज को मुक्त करने वाले ,, चक्रधारी एवं नवीन कमलदल के समान नेत्रवाले ,, गरुड़ वाहन भगवान श्री नारायण जी को प्रातः काल स्मरण करने से सारी बाधा मुक्त हो जाती है।
जो आपके वर्तमान समय मे हो रही परेसानी का सामना करना पड़ रहा है। ओ सब धीरे -धीरे आपसे दूर होते जाती है और आप इस से बाहर को हो जाते है ..... इनकी छवि .... उदीयमान करोड़ो सूर्य के समान प्रभातुल्य,, अपने चारों हाथों मे शंख, गदा, पध तथा चक्र धारण किये हुवे एवं दोनों भागों में भगवती लक्ष्मी और पृथ्वी देवी से सुशोभित रहते है.... -
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